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Thursday, March 8, 2012

मेरी होली का हर साल तुम

मेरी होली का हर साल तुम

चंदा की चांदनी तुम
सूरज की रौशनी तुम
बरखा की हरियाली तुम
भोर की लाली तुम

होली का रंग लाल तुम

मेरी होली का हर साल तुम

पूर्णिमा का उजियारा तुम
नदिया का किनारा तुम
मेरे काव्य का श्रृंगार तुम 
जीवन में ठंडी बयार तुम

इश्वर का कमाल तुम

मेरी होली का हर साल तुम

रंगो की बरसात तुम
सबसे प्यारी बात तुम
जीवन का अभिसार तुम
मेरा सारा संसार तुम

होली का गुलाल तुम

मेरी होली का हर साल तुम

1 comments:

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

वाह ॥सब तुम ही तुम ... अच्छी प्रस्तुति

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