लोग कहते हैं मै बड़ा हो चूका हूँ पर
माँ मै तो अब भी तेरा वही छोटा बच्चा हूँ
मै आज भी अँधेरे में
तेरे साथ ना होने से डर जाता हूँ
मै आज भी तेरे हाथो से नहीं खाने पर
कभी कभी भूखा ही रह जाता हूँ
मै अब भी दिन भर की थकन से
कभी कभी बिना जूते उतारे ही सो जाता हूँ
मै आज भी कभी कभी लड़ कर के
घर आता हूँ और तुझे नहीं बताता हूँ
माँ मै तो अब भी तेरा वही छोटा बच्चा हूँ
मै आज भी अँधेरे में
तेरे साथ ना होने से डर जाता हूँ
मै आज भी तेरे हाथ से बनी दाल में
५६ भोग से ज्यादा रस पाता हूँ
मै आज भी तेरे आँचल की छाँव में
ब्रहमांड का हर सुख पाता हूँ
मै आज भी तेरी ही गोद में
सबसे ज्यादा चैन की नीद सो पाता हूँ
माँ मै तो अब भी तेरा वही छोटा बच्चा हूँ
मै आज भी अँधेरे में
तेरे साथ ना होने से डर जाता हूँ
मै आज भी तुझ से डाट खाने को
यू ही शैतानी कर जाता हूँ
मै आज भी तुझ से लोरी सुनने को
कभी कभी रातो को जग जाता हूँ
माँ मै तो अब भी तेरा वही छोटा बच्चा हूँ
मै आज भी अँधेरे में
तेरे साथ ना होने से डर जाता हूँ