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Saturday, June 4, 2011

मेरे दिल का हाल बता नहीं सकता

जीता हूँ मै तो उसकी यादो के साये मे
बस मेरे दिल कि बात उसे बता नहीं सकता.

किसी और के संग खुश है वो एक नई दुनिया मे .
बता कर मेरे दिल का हाल, उसके संसार को जला नहीं सकता.

जीता हूँ मै..

चाहूँ लाख उसे, मगर मै जानता हूँ ये के
वो चराग है किसी और के घर का

उस चराग की रौशनी से, मै
मेरे घर को चमका नहीं सकता

जीता हूँ उसकी यादो मे, बस मेरे दिल का हाल बता नहीं सकता

रास्ता अधूरा है, मजिले अधूरी है
इन रास्तो पे चलने को, साथ बहुत जरूरी है

पर जानता हूँ, मै ये के, वो हम सफर किसी और का है
मै उसे मेरा हमराह कभी बना नहीं सकता

जीता हूँ उसकी यादो मे, बस मेरे दिल का हाल बता नहीं सकता
बता कर दिल का हाल मै, उसके संसार को जला नहीं सकता.
 
Image taken from Ashish Parmar thanks to him for image

हे विलोम, तुम और मै



हे विलोम,

हर रोज तडके, सूरज के जागने के पहले
तूम भी जग जाते हो, और मै भी जग जाता हूँ

और उसके बाहर निकलने के पहले
तूम भी घर से निकल जाते हो, मै भी घर से निकल जाता हूँ

हम दोनों मे फर्क सिर्फ इतना ही है

तुम हर सुबह, तुम्हारे बढे हुए पेट को
कम करने की खातिर, जोगर्स पार्क के चक्कर लगाते हों

और मै हर सुबह ,मेरे पीठ से चिपक रहे

खाली पेट को भरने के लिए मजदूर चौक पर खड़ा हों जाता हूँ

हर सुबह पसीना तुम भी बहाते हों
और पसीना मै भी बहाता हूँ

हम दोनों मे फर्क सिर्फ इतना ही है

तुम पसीना बहा कर थोडा वजन घटाते हों
और मै पसीना बहा कार कुछ रूपये कमाता हूँ

तुम पसीने की गंध को बदबू कह कर
नकली सुगंधो से छुपाते हों

और मै उस गंध के निकलने पर ही
चार निवाले खा पाता हूँ

हर सुबह

तडके सूरज के जागने के पहले
तूम भी जग जाते हों और मै भी जग जाता हूँ
 

तुम जोगर्स पार्क के चक्कर लागते हों
मै मजदूर चौक पर खड़ा हों जाता हूँ
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भाई Nagendra Pareek जी की एल्बम से चुराई हुई फोटो और पंक्तियों पर ये लिखने की कोशिश की थी आपका प्यार चाहूँगा
 
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