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Tuesday, September 13, 2011

हमें फिर से जमाना अच्छा लगा

वादा था मर जायेंगे तुम्हारी एक ख्वाहिश पर
उन्होंने जान मांगी, और हमें मर जाना अच्छा लगा

नफरत थी हमें जिससे, उन्हें उसी से मोहब्बत थी
हमे फिर अपनी ही नफरत पर,प्यार जताना अच्छा लगा

इन्तेजार किया ,करते रहे, तकलीफे लाख हम सहते रहे
उनको देखा इन्तेजार के बाद,तो तकलीफे उठाना अच्छा लगा

भूल गए थे हम मुस्कुराना, दिल पर लगी चोटों से
देख कर प्यार से मुस्कुराए, हमें फिर से मुस्कुराना अच्छा लगा

जख्म इतने मिले थे जमाने से के नफरत हो गई थी हमे इससे
आप मिले इसी जमाने से, हमें फिर से जमाना अच्छा लगा



 
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