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Friday, April 20, 2012

कहाँ हो तुम ?


मेरे दिल की धड्कन पूँछ रही हैं
कहाँ हो तुम ?
मेरी एकाकी तडपन पूँछ रही है
कहाँ हो तुम ?
मेरे सपनों की नीद पूँछ रही है
कहाँ हो तुम ?
मेरे प्यार की उम्मीद पूँछ रही है
कहाँ हो तुम ?
मेरे गीतों की हर धुन पूँछ रही है
कहाँ हो तुम ?
मेरी गजल की तरन्नुम पूँछ रही है
कहाँ हो तुम ?

मेरा हर साज, मेरी हर आवाज
मेरा जीने का अहसास, मेरी हर साँस
पूँछ रही है
कहाँ हो तुम ?
अब मुझे बता दो तुम
कहाँ हो तुम
अब मुझे गले लगा लो तुम
कहाँ हो तुम .....?
कहाँ हो तुम .....?

Tuesday, April 10, 2012

दर्द में भी जिंदगी होती है

 
कुछ उलझनों के साये में
जिंदगी की दरख्त के तले
नकाबों को चेहरे से ढंके
चेहरों पर भावों को मले
कुछ दर्द, कुछ खुशियाँ
आँखों को थोडा पानी देकर
कुछ लम्हों को जिंदगानी देकर
मुझे ये बात बता रहे हैं
जिंदगी का मतलब
सिर्फ खुशियाँ ही नहीं
दर्द में भी जिंदगी होती है
ये सारे लम्हे मुझे यही सिखा रहे हैं |
ये सारे लम्हे मुझे यही सिखा रहे हैं |
 
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