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Saturday, January 5, 2019

मुहब्बत और इश्क में अंतर क्या है ?













मैंने तुम से इश्क किया था,
और तुमने सिर्फ मुहब्बत की थी,

तुम्हारी मुहब्बत में तो
सिर्फ देने की चाहत थी
और खोने का कोई डर नहीं था |

मेरे इश्क में पाने की हवस थी
और खोने का डर भी होता था |
बिन तुम्हारे कैसे होंगे हालात
जहन में  उसका मंजर भी होता था |

पर अब नहीं,
अब दिल में कोई डर नहीं है,
कोई वहशत नहीं है,
अब इश्क भी नहीं है,
हाँ बेपनाह मुहब्बत जरूर है |
वही मुहब्बत जो तुमने मुझ से की थी
और फिर मुझे दी थी |

लोग यहाँ सवाल ये भी कर सकते हैं
की मुहब्बत और इश्क में अंतर क्या है ?

मै ना ही उनको समझाने वाला हूँ
ना ही उनको कुछ बताने वाला हूँ |

मुझे बस तुम्हे बताना था
तुम तो समझ गई होगी,
बस उतना काफी है |

और नहीं समझी तो आगे कुछ कहने का फायदा भी क्या है

Monday, December 31, 2018

गरीब की तो मौत भी बेचारी होती है...



किसी ने कहा मुझ से, अमीर और गरीब के बीच थोड़ा अंतर बताने को |
जिन्दगी से मौत तक सब अलग ही है, क्या कहूं बहुत अंतर है गिनाने को

गरीब की तो मौत भी बेचारी होती है, कंधे नहीं मिलते जनाजा उठाने को
अमीर मरता है तो भी शांन से, लोग इन्तेजार करते हैं कंधा लगाने को |

मुफलिसी में मरने वाले की कभी कोई इज्जत नहीं करता मेरे दोस्त
अमीर मरता है तो अनजान भी आ जाते हैं, उसकी नेकी गिनाने को |

अगर अमीर मरोगे, तो झूठे ही सही लोग कुछ आंसू जरूर बहायेंगे
गरीबी में मरे, तो गुमनाम ही रहोगे, कोई फर्क नहीं पड़ेगा जमाने को |

अमीर की चिता से, मॉस की बू नहीं चन्दन के जलने की खुशबू आती
गरीब की मौत पर कई बार सूखी लकड़ी भी नही मिलती लाश जलाने को |

मुझे मत बताओ नेकी, रिश्ते और प्यार की बाते, "मै कुंदन हूँ", सच जानता हूँ |
तुम्हे यकीन नहीं है मुझ पर, तो मर के देख लो, मेरी बात आजमाने को |

नए साल की संध्या पर ऐसी गजल शोभा तो नहीं देती, और माफ़ी भी मांगता हूँ,  लेकिन दिल कभी कभी टूट जाता है तो मजबूरी हो जाती है| परसों एक रिश्तेदार (वो अमीर हैं ) के यहाँ अंतिम यात्रा में सैंकड़ो लोगो को देखा था, और आज एक अनजान की शवयात्रा देखी जिसमे इतने लोग भी नहीं थे की सब कंधो को चार बार बदला जा सके | पता किया तो पता चला ये इंसान बहुत ही गरीब था | 
 
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