Ads 468x60px

Pages

Sunday, January 18, 2015

पिता

पिता
खुद धुप में खडे हो,
संतान के लिए छाँव बनाते हैं |
पिता
सन्तान की खुशियों हेतु
खुद की खुशियाँ भूल जाते हैं |
पिता
खुद की थकान को नकार
बच्चे को कंधे पर घुमाते हैं |
पिता
संतान की जीत के लिए
ख़ुशी से खुद को हार जाते हैं |
पिता
स्वयं भूखे रह कर भी
बच्चे को पकवान खिलाते हैं
पिता
बच्चे की नई कमीज हेतु
पुराने स्वेटर में एक और सर्दी बिताते हैं|
पिता
बच्चे की जरूरी, गैर जरूरी जरूरतों हेतु
तडके निकलते और देर से घर आते हैं |

ऐसे जाने कितने ही त्याग है
जो बिना बोले ही पिता करते जाते हैं |
और इन त्यागों को हम तब
समझते हैं जब पिता को खो देते हैं
या खुद पिता बन जाते हैं |


So, just go and express your care, love and respect for you father while you have him with you.

I Love you Babu.. and I miss you a lot

 
Google Analytics Alternative