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Monday, November 14, 2011

हौंसले को मत हारना


जंग हार जाना, पर अपने हौंसले को मत हारना
दर्द सहते हुए मर जाना, पर खुद को मत मारना

हौंसले को हार देने से
खुद को मार देने से 
कुछ हांसिल नहीं हो पायेगा
जो कुछ मेरा तुझ मे है
जो कुछ तेरा मुझे में है
वो अंधियारे मे कहीं खो जायेगा

इस अंधियारे मे
कुछ उजियारा फैलाने को
गैरों के गढ़ में
कुछ अपनों को पाने को

दर्द सह कर भी
तुझे मुस्कुराना ही होगा
जख्मी है पैर तो भी
तुझे कदम बढ़ाना ही होगा

इस मुस्कुराने में
इस कदम बढाने में
दर्द भी मिट जायेगा
जख्म भी भर जायेगा

किला अवसादों का
फिर भी बच गया अगर
तो डर ना कर ,
फ़िकर न कर
वो तेरे हौंसले के तीव्र आवेग से ढह जायेगा
और तुझे हर बार सिर्फ यही गीत सुनाएगा

जंग हार जाना, पर अपने हौंसले को मत हारना
दर्द सहते हुए मर जाना, पर खुद को मत मारना


 
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