Ads 468x60px

Pages

Tuesday, June 14, 2011

सरकारी दफ्तरों मे लगने वाला आवेदन

अरे यादव जी आप इतना परेशान क्यों है. एक सरकारी दफ्तर से बाहर निकलते यादव जी से ठाकुर साहब ने पूंछा.
"क्या बताऊँ ठाकुर साहब, ये छोटा सा काम करवाना था लेकिन यहाँ हर बार नई नई मांगे बता देते हैं, कभी ये कागज कम है, कभी वो कागज कम है, कभी यहाँ से अनुमति ले कर आओ कभी वो आवेदन लगाओ." लगभग फटते हुए यादव जी ने कहा.

ठाकुर साहब बोले "मूझे भी यही काम है, अभी आया हूँ उम्मीद है दो घंटे मे काम पूरा हों जायेगा. चाहो तो साथ मे चल कर देख लो.

ठाकुर साहब अंदर बाबु को अपनी फाइल देते हुए बोले 
ठाकुर साहब :- "सर ये फाइल है, अनुमति चाहिये थी"
सरकारी बाबु :->ठीक है वहाँ रख दो, अगले हफ्ते तक आ कर पता कर लेना.

"सर एक बार आप फाइल खोल कर एप्लिकेशन देख लेते तो ये पक्का हों जाता की एप्लीकेशन मे कोई कमी नहीं है", ठाकुर साहब ने खुद ही फाइल खोल कर अफसर की तरफ बढ़ाते हुए कहा. उस फाइल मे एप्लीकेशन के साथ १०० रूपये के दो नोट लगे हुए थे.

"अरे आपका नाम क्या है, Please बैठिये ना, लाइए फाइल मूझे दीजिए देख ही लेता हूँ. आपकी एप्लीकेशन तो ठीक है लेकिन फलाना विभाग से इजाजत ली है या नहीं."

सर वो तो अभी तक नहीं ले पाया था लेकिन मैंने उसकी एप्लीकेशन भी लगा दी है, अगले पन्ने पर बड़ी एप्लीकेशन है, साथ ही एक आवेदन आपके लिए भी है की आप मेरे काम को अपना समझ कर आगे बढाए.

बाबु ने पन्ना पलटा तो देखा ५०० के दो नोट और १०० के दो नोट अगले आवेदन के साथ लगे हुए हैं,

अरे ठाकुर साहब आप तो आप ही हैं, अरे अभी तक आप खड़े हैं बैठे नहीं अब बैठ भी जाइए तकल्लुफ क्यों करते हैं.

इस अनुमति के लिए तो फलाना विभाग से भी अनुमति लगेगी.. सर उसका भी आवेदन लगा हुआ है और एक आवेदन आपके लिए भी है की यदि कोई कमी बाकी हों तो पूरी करें.

इसी तरह से ठाकुर साहब ने एक ही बार मे एक ही जगह कई आवेदन दे दिए... जो दो आवेदन बच गए थे वो फाइल को बाहर ले जा कर उन मे आवेदन और छोटे आवेदन लगा कर वापस ले आये.

बाबु ने इस बार ठाकुर साहब को फाइल रख कर जाने को नहीं कहा बल्कि फाइल को हाथो हाथ लिया हर जगह खुद ही जा कर अनुमति ले ली और फिर वापस ठाकुर साहब के पास आ कर बोले ठाकुर साहब सभी जगह की अनुमति हों चुकी है सिर्फ बड़े साहब के लिए भी एक आवेदन लिखना पड़ेगा..

ठाकुर साहब ने फाइल का आखरी हिस्सा जो की छुपा हुआ था उसे खोल कर दिखाते हुए कहा इसमें बड़े साहब के लिए एक विस्तृत बड़े आवेदन की ५ प्रतिलिपियाँ हैं और एक प्रतिलिपि आपके लिए भी है.

बाबु बोला : ठाकुर साहब आप जैसे समझदार लोगो के लिए काम करना अच्छा लगता है. आप १० मिनट रुकिए चाय का बोल दिया है आती ही होगी आप चाय पीजिए और मै साहब से इस पर साइन करा के आता हूँ.

यादव जी स्तब्ध खड़े ठाकुर साहब को देख रहे थे की जो काम करने को वो पिछले २ महीने से चप्पले घिस रहे हैं उसी काम को ठाकुर साहब ने सिर्फ दो घंटे मे करा लिया.
 
Google Analytics Alternative