वो आंसू जो आये थे आँखों में
तुम्हारे चले जाने से
मेरी पलकों के किनारों पर
आज भी उसी तरह से
किनारों पर ही ठहरे हुए हैं
उनसे कहता हूँ बह जाओ
और अपने साथ बहा ले जाओ
उन यादों को भी
जो तुम्हारे न होने पर भी
तुम्हारे होने का
अहसास दिलाती रहती हैं
मै कहता हूँ आंसुओं से
के सूख जाओ तुम
पर वो आँसू मेरा कहा
सुनने से इनकार करते हैं
पलकों के किनारे को भी
मोहब्बत है तुमसे इतनी ज्यादा
की तुम तो जा चुकी हों
पर वो तुम्हारे लौटने का
आज भी इन्तेजार करते हैं
लौट आओ तुम मेरी जाना
जहाँ तुम छोड़ कर गए थे हमें
हम आज भी उसी मोड पर
ठहरे हुए,तुम्हारा इन्तेजार करते हैं
सिर्फ हमारी आँख के आँसू ही नहीं
हम भी तुमसे बहुत प्यार करते हैं