Ads 468x60px

Pages

Friday, July 22, 2011

लौट आओ तुम मेरी जाना

वो आंसू जो आये थे आँखों में
तुम्हारे चले जाने से
मेरी पलकों के किनारों पर
आज भी उसी तरह से
किनारों पर ही ठहरे हुए हैं

उनसे कहता हूँ बह जाओ
और अपने साथ बहा ले जाओ
उन यादों को भी
जो तुम्हारे न होने पर भी
तुम्हारे होने का
अहसास दिलाती रहती हैं

मै कहता हूँ आंसुओं से
के सूख जाओ तुम
पर वो आँसू मेरा कहा
सुनने से इनकार करते हैं

पलकों के किनारे को भी
मोहब्बत है तुमसे इतनी ज्यादा
की तुम तो जा चुकी हों
पर वो तुम्हारे लौटने का
आज भी इन्तेजार करते हैं

लौट आओ तुम मेरी जाना
जहाँ तुम छोड़ कर गए थे हमें

हम आज भी उसी मोड पर
ठहरे हुए,तुम्हारा इन्तेजार करते हैं
सिर्फ हमारी आँख के आँसू ही नहीं
हम भी तुमसे बहुत प्यार करते हैं

 
Google Analytics Alternative