तूने जो छुआ होठो से, जन्नत का दीदार हुआ |
चाहा तुझे ना चाहे, पर फिर भी दिल बेक़रार हुआ|
कोशिश बहुत की हमने, अरमानो को दिल में दबाने की
पहले दबे पल भर को, फिर अरमानो का यलगार हुआ |
शिकायते हमारी तो, कम न थी नसीब से हो
पर तेरे छूने से, खुद की खुशनसीबी पर ऐतबार हुआ |
चाहां भी की दिल का हाल तुझे बता दे हम
पर डरते रहे, क्या होगा जो तेरा इनकार हुआ |
ज्यादा चाहते नहीं है, पर सारी खुशियाँ मेरी हो जाये
जो तू कह दे, "कुंदन" मुझ को भी तुझ से प्यार हुआ |
चाहा तुझे ना चाहे, पर फिर भी दिल बेक़रार हुआ|
कोशिश बहुत की हमने, अरमानो को दिल में दबाने की
पहले दबे पल भर को, फिर अरमानो का यलगार हुआ |
शिकायते हमारी तो, कम न थी नसीब से हो
पर तेरे छूने से, खुद की खुशनसीबी पर ऐतबार हुआ |
चाहां भी की दिल का हाल तुझे बता दे हम
पर डरते रहे, क्या होगा जो तेरा इनकार हुआ |
ज्यादा चाहते नहीं है, पर सारी खुशियाँ मेरी हो जाये
जो तू कह दे, "कुंदन" मुझ को भी तुझ से प्यार हुआ |