लो जी सरकार लोकपाल ले आई है
इसके साथ ही सौ सवाल ले आई है
मै कहता हूँ ये लोकपाल नहीं है
खरगोश का बिल है
इसी कमजोर बिल के आने से
खुश भ्रष्टाचारी का दिल है
इस बिल मे भ्रष्टाचारी के बचने के
कई कई रास्ते हैं |
पर ये रास्ते सरकार ने इस बिल मे
डाले किसके वास्ते हैं ?
लोकपाल का चुनाव
अपने आप मे एक बड़ा चांटा है|
सरकार ने पदों को भी
वोट बैंक के हिसाब से बांटा है |
सीबीआई पर
लोकपाल का कोई अधिकार नहीं है
स्वत्रंत जांच हो
ऐसी तो ईमान वाली सरकार नहीं है
जनता के विरोध पर
इटली वाली माता धीमे से धमकाती हैं |
हमारा विरोध न करो
स्पष्ट शब्दों मे ये हमें समझाती हैं |
इस कमजोर लोकपाल बिल के आने से
मेरा सवाल इतना सा है,
क्या इस कमजोर लोकपाल से
भ्रष्टाचार थम सकेगा
नेताओं से दब कर भी ,
क्या लोकपाल स्वतंत्र रूप से
अपना काम कर सकेगा
कितना अनशन करेंगे अन्ना भी
लगता अब तो कहना होगा इश्वर दुहाई है, दुहाई है
लो जी सरकार लोकपाल ले आई है
इसके साथ ही सौ सवाल ले आई है
1 comments:
बहुत बढ़िया....
सादर बधाई
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