Ads 468x60px

Pages

Wednesday, October 12, 2011

जिंदगी बदल कर भी नहीं बदलती



कितनी अजीब जिंदगी है मेरी
हर मोड पर कुछ बदल जाता है
मेरे सपने वक्त के साथ बदलते हैं
मेरे अपने भी कभी कभी बदलते हैं
मेरे खयाल भी बदलते हैं
मेरे हाल भी बदलते हैं
मेरी दुनिया भी बदल ही जाती है
पर कुछ है जो कभी बदलता नहीं
वो है मेरे दिल का वो कोना
जिसमे तेरी यादें बसी हुई हैं
इन यादों में तेरे होने की
प्यारी खुश्बू समाई हुई है
उस खुश्बू ने अब तक
मेरी दुनिया महकाई हुई है
दिल के उस कोने मे
वो मौसम भी नही बदलते
जो तेरे होने से सावन होते थे
तेरे ना होने से जेठ हो जाते थे
अब दिल के उस कोने मे
कभी सावन नहीं बरसता है
और जेठ का तपता सूरज
कभी पश्चिम में नहीं ढलता है

2 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

अच्छी प्रस्तुति!

दिगम्बर नासवा said...

परिवर्तन इस संसार का नियम जो है ...

Post a Comment

 
Google Analytics Alternative