मेरी आँखों के आंसू जाने कहाँ खो गए हैं
लगता है जैसे दिल के सारे जज्बात सो गए हैं
उनकी बेरुखी इतनी बढ़ी, की ये दिल टूट गया
अब साथ तो हैं उनके, पर हम तन्हा हो गए हैं
एक ही मंजिल चुनी थी,कभी हम दोनों ने
मंजिल तो अब भी वही है, पर रास्ते जुदा हो गए हैं
मोहब्बत कर के खुद को भी लुटा दिया हमने
अब वो भी साथ नहीं क्यूँ वो खुदा हो गए हैं
लगता है जैसे दिल के सारे जज्बात सो गए हैं
उनकी बेरुखी इतनी बढ़ी, की ये दिल टूट गया
अब साथ तो हैं उनके, पर हम तन्हा हो गए हैं
एक ही मंजिल चुनी थी,कभी हम दोनों ने
मंजिल तो अब भी वही है, पर रास्ते जुदा हो गए हैं
मोहब्बत कर के खुद को भी लुटा दिया हमने
अब वो भी साथ नहीं क्यूँ वो खुदा हो गए हैं
1 comments:
उनकी बेरुखी इतनी बढ़ी, की ये दिल टूट गया
अब साथ तो हैं उनके, पर हम तन्हा हो गए हैं
कुन्दन बहुत गहरी बात कह दी…………शानदार गज़ल गहरे भावो से सराबोर्।
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