खुद को नियामक कहने वालों
बताओ तुमने नियमों को कहाँ पाला है
लोकतंत्र की दुहाई दे कर खुद
तुमने लोकतंत्र का जनाजा निकला है
तुम कहते हों
जनता ने चुनकर तुम्हे
संसद तक पहुँचाया था
इस जनता ने तुम्हे
मंत्री संतरी और नेता बनाया था
तुम कहते हों
जो देश के लिए लड़ना है
तो नेता बन कर संसद आओ
फिर संसद आ कर
राजनीती के गलियारों मे
देश की अस्मत लुटवाओ
मत भूलो इस जनता ने ही
नेहरू को नेता
पर गांधी को बापू बनाया था
गोरे अंग्रेजो से लड़ने को
जर्जर बापू की ताकत बनने को
पूरा देश उमड आया था
आज जो तुम अंग्रेजो सा
जुल्म एक
गाँधीवादी अहिंसक संत पर ढाओगे
क्या समझते हों देश की जनता को
कही पीछे तुम पाओगे
तुम कर लो
जो जुल्म तुमको करना है
हर जुल्म का हिसाब
तो तुम सब को यही भरना है
इस सब का फल
तुम जल्द ही पाओगे
जो था अब तक अन्ना उसको
दूसरा बापू तुम ही बनाओगे
और उस बापू की एक आवाज मे
औ सारे नियामकों तुम पूरे देश
की हुकार को पाओगे
1 comments:
इस सब का फल
तुम जल्द ही पाओगे
जो था अब तक अन्ना उसको
दूसरा बापू तुम ही बनाओगे
सटीक बात कही है आपने .सार्थक लेखन हेतु बधाई .
slut walk
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