जीता हूँ मै तो उसकी यादो के साये मे
किसी और के संग खुश है वो एक नई दुनिया मे .
बता कर मेरे दिल का हाल, उसके संसार को जला नहीं सकता.
जीता हूँ मै..
चाहूँ लाख उसे, मगर मै जानता हूँ ये के
वो चराग है किसी और के घर का
उस चराग की रौशनी से, मै
मेरे घर को चमका नहीं सकता
जीता हूँ उसकी यादो मे, बस मेरे दिल का हाल बता नहीं सकता
रास्ता अधूरा है, मजिले अधूरी है
इन रास्तो पे चलने को, साथ बहुत जरूरी है
पर जानता हूँ, मै ये के, वो हम सफर किसी और का है
मै उसे मेरा हमराह कभी बना नहीं सकता
जीता हूँ उसकी यादो मे, बस मेरे दिल का हाल बता नहीं सकता
बता कर दिल का हाल मै, उसके संसार को जला नहीं सकता.
Image taken from Ashish Parmar thanks to him for image
7 comments:
ओह आज तो बहुत दर्द भर दिया…………बहुत सु्न्दर भावाव्यक्ति।
गहन वेदना की भावुक अभिव्यक्ति ....
बहुत मार्मिक प्रस्तुति!
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (6-6-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
दर्द- ए- दिल बहुत खूबसूरती से बयां किया है ...
इतनी गहरी ...मर्मस्पर्शी रचना ...!!
बहुत सुंदर ...
बधाई.
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जीता हूँ उसकी यादो मे, बस मेरे दिल का हाल बता नहीं सकता...
Yes...happens !
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पर जानता हूँ, मै ये के, वो हम सफर किसी और का है
मै उसे मेरा हमराह कभी बना नहीं सकता virah ki vedanaa batati hui bhvmai abhibyakti.badhaai sweekaren.
please visit my blog .thanks.
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