Ads 468x60px

Pages

Monday, June 6, 2011

एक अलख लगाते जायेंगे

दोस्तों अब एक अलख लगाते जायेंगे
जो भी है सोये हुए, उनको जगाते जायेंगे

रिश्वत, और भ्रष्टाचार है अपराध बड़े
इन अपराधों से टकराते जायेंगे

मिल कर के घूंस खोरो
और भ्रष्टाचारियों को मिटाते जायेंगे

दोस्तों अब एक अलख लगाते जायेंगे
जो भी है सोये हुए, उनको जगाते जायेंगे

झूठ और लालच का है लाक्षग्रह बना
सच की आंच से मिल कर इसे जलाएंगे

फिर से न बनने देंगे इस नरक को
बनने पहले ही इसे मिटाते जायेंगे

दोस्तों अब एक अलख लगाते जायेंगे
जो भी है सोये हुए, उनको जगाते जायेंगे

जो भी अब आएगा उन्नति की राहों मे
उसे मिल के मिटाते जायेंगे

आज के जयचन्दो को उनकी
औकात याद दिलाते जायेंगे

दोस्तों अब एक अलख लगाते जायेंगे
जो भी है सोये हुए, उनको जगाते जायेंगे

जो देशप्रेम है हमारे भीतर भरा
उस सैलाब को बाहर लायेंगे

हर गद्दार को उस सैलाब
मे अब बहाते ही जायेंगे

दोस्तों अब एक अलख लगाते जायेंगे
जो भी है सोये हुए, उनको जगाते जायेंगे

*******************************************
अगर आप को ये गीत पसंद आया है तो आप यहाँ कमेन्ट ना करिये.... मूझे वाह की चाह नहीं है (तल्ख़ होने के लिए माफ़ी चाहता हूँ )... पर मै ये चाहता हूँ की ये गीत यदि आपको अच्छा लगा है तो आप आपके ब्लॉग पर वेबसाइट पर फेसबुक पर या जहा भी शेयर कर सकते हैं जरूर करे .... मेरा नाम जरूरी नहीं है ... जरूरी है तो सिर्फ इस गीत को दूर तक पहुँचाना


2 comments:

Vivek Jain said...

बहुत अच्छा, जरुर शेयर करुँगा,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

संजय भास्‍कर said...

आपकी हर रचना की तरह यह रचना भी बेमिसाल है !

Post a Comment

 
Google Analytics Alternative