कल से जाने
कितने अहसास
दिल में दबे बैठे हैं,
ना जुबा पर आते हैं
ना ही उंगलियों से
कागज पर उतरते हैं.
इन अहसासों में खुशी है
या ज़माने भर का गम,
वो तो नहीं जानता.
लेकिन इतना जरूर है,
की हर अहसास अपनी
अनुभूति के साथ,
कुछ आंसू भी ले आता है.
और इन आंसूओं के
आने का पता तब चलता है,
जब ये आंसू आँखों से निकाल कर
पहले ही सूख चुके
आंसुओ के द्वारा
बनी हुई पगडण्डी से,
गालो पर लुढ़कते हुए
होठो से टकरा कर
मुह में एक नमकीन
स्वाद छोड़ते हुए
लिखने के लिए सामने रखे
कागज पर टपक जाते हैं
और कुछ शब्दों को भिगो कर
कहते हैं.
अब जागो
और अहसासो की इस स्वप्न सलोनी
दुनिया से वास्तविकता के
कठोर धरातल पर कदम रखो
और पहचानो!
ये जो नमक इन शब्दों
पर गिर गिर के इन्हें मिटा रहा है,
इस नमक में
दुखो का कोई कोलाहल है,
या सुख का कोई कलरव
मै कहता हूँ, हां!
कोशिश करता हूँ पहचानने की
और इस स्वाद को पहले
किसी खुशी में चखा था
या किसी दर्द में
ये याद करने की कोशिश करते हुए
मै फिर से सोचने लग जाता हूँ
और फिर कुछ देर बाद
उसी एक आवाज में
वही शब्द सुनाई देते हैं
और वास्तविकता
के कठोर धरातल पर ले आते हैं
कल से ये वृत्तांत कितनी
बार दोहराया जा चूका है
वो तो मुझे याद नहीं है लेकिन
हर दोहराव इस अनजान अनुभूति
की चरम सीमा तक
पहुँचाने के लिए अपना योगदान
अवश्य दे देता है
8 comments:
ऐसा होता है कुन्दन मगर ऐसा होना ही नयी दिशा भी देता है।
लेकिन इतना जरूर है,
की हर अहसास अपनी
अनुभूति के साथ,
कुछ आंसू भी ले आता है.
और इन आंसूओं के
आने का पता तब चलता है,
भावनाओं को पूरी तरह से अभिव्यक्त कर दिया आपने इन शब्दों के माध्यम से ...आपकी रचनात्मकता सशक्त है ....आशा है आप हमें अनुग्रहित करते रहेंगे ...आपका आभार
कविता का जन्म ही यहीं से होता है ....
और इन आंसूओं के
आने का पता तब चलता है,
जब ये आंसू आँखों से निकाल कर
पहले ही सूख चुके
आंसुओ के द्वारा
बनी हुई पगडण्डी से,
गालो पर लुढ़कते हुए.....
बहुत भावपूर्ण अहसास...बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति..
हर शब्द बहुत कुछ कहता हुआ, बेहतरीन अभिव्यक्ति के लिये बधाई के साथ शुभकामनायें ।
बहुत भावपूर्ण अहसास|बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति|
जी पसंद करने के लिए बहोत बहोत धन्यवाद
bahut sunder aur sahjata se bhavo kee abhivykti kartee rachana dil ko choo gayee .
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