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Friday, April 29, 2011

ए दोस्त तेरे साथ होने से


ए दोस्त तेरा होना जीवन में एक अदभुत
अहसास के होने के जैसा ही है

तेरे साथ होने से
हर गम पर ठहाके लगाने का मन करता है

तेरे साथ होने से
दर्द में भी नाचने गाने का मन करता हैं

तेरे साथ होने से
जीवन बड़ा प्यारा लगता है

तेरे साथ होने से
होने से सुन्दर ये नजारा लगता है

तेरे साथ होने से
बचपन की हर यादे ताजा करने का मन करता है

तेरे साथ होने से
फिर से आम और अमरुद चुरा कर खाने का मन करता है

तेरे साथ होने से
फिर से उस भूतो वाली बावडी पर जाने का मन करता है

तेरे साथ होने से
फिर से उन सब भूतो को धमकाने का मन करता है

तेरे साथ होने से
फिर से हर शरारत दोहराने का मन करता है

तेरे साथ होने से
फिर से पिताजी से अपनी मांगे रो कर मनवाने का मन करता है

तेरे साथ होने से
फिर से उस लड़की के घर के शीशे तोड़ के आने का मन करता है

तेरे साथ होने से
उसके पिता से डाट सुनने को फिर से उसके घर जाने का मन करता है

तेरे साथ होने से
फिर हवा में उड़ जाने का मन करता है

तेरे साथ होने से
फिर बच्चा बन जाने का मन करता है
फिर से वो बचपन जी जाने का मन करता है

ऐ दोस्त तेरे साथ होने से
मन को एक अद्भुत संबल मिल जाता है
और दोस्ती का अदभुत अहसास सदा ही पूर्णता लाता है
ऐ दोस्त तेरे साथ होने से.....


समर्पित है मेरे उन दो दोस्तों को जिनके होने से मेरे जीवन में ना कोई डर होता है ना ही कोई चिंता उनमे से एक है माया गड़े AKA मुस्कान दूसरा है प्रफुल्ल नामदेव

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