वो तोहफा
जो तुमने कभी माँगा था,
आज भी,
वैसे ही सहेज कर रखा हुआ है.
मै कभी भी
उसे तुम तक पहुंचा नहीं पाया
मेरे दिल मे
काफी कुछ था तुम्हे बताने को
कभी भी
वो तुम्हे बता भी नहीं पाया
तुम्हारी शिकायत रही
मैने तुम्हे वो तोहफा नहीं दिया
पर यहाँ भी
नुक्सान तो मैने ही उठाया
उस तोहफे मे
याद बन कर तुम्हारे साथ रहता
देखो मेरी किस्मत
सच में तो तुम्हारे साथ मै रह न सका
यादों मे भी
मै तुम्हारे साथ रह ना पाया
2 comments:
एक साथ कई भावों को संजोये बहुत ही सुंदर रचना..
सुन्दर भाव्।
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