यूँ तो मै व्यंग अच्छे नहीं लिख पाता हूँ (प्रेम गीत भी कौन सा बड़े अच्छे लिख लेता हूँ ) लेकिन एक कच्चा पक्का व्यंग आज सामने रख रहा हूँ जो कल कुछ पढ़ कर अपने आप ही लिखा गया था उम्मीद है पसंद आये
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लगता है एक महान आत्मा को फिर से दौरा आया है
क्योंकि उन्होंने बाजार में नया बयान फैलाया है
इस बयान में उन्होंने कलमाडी, और चौहान को
मासूम और पूर्ण रूप से निर्दोष बताया है
उन्होंने इन दोनों महान आत्माओं के
बाइज्जत बारी होने का भी विश्वाश जताया है
ये विश्वास कम लगता है, आशीष ज्यादा
मानो इटली वाली माता ने भी प्रसाद में भोग लगाया है
जान पड़ता है जैसे इटली वाली माता ने
अपने छोटे सिंह को भौंकने के काम में लगाया है
तथा बड़े सिंह तक इन सभी मुल्जिमो को
बरी कराने का आदेश बड़े सिंह तक पहुँचाया है
अब छोटा सिंह भौंक- भौंक कर
पहले इनके बेगुनाह होने का माहौल बनाएगा
बाद में जब माहौल तैयार हों जायेगा
तब बड़ा सिंह इनको बाइज्जत बरी करायेगा
फिर उसके बाद इन्हों ज्ञानियों को किसी
बड़े मलाईदार पद पर फिर से बैठाया जायेगा
फिर से इन महान व्यक्तियों को जेल ना जाना पड़े,
इस लिए उपर का हिस्सा पहले ही उपर पहुँच जायेगा
साथ ही इस वक्तव्य से जैसे
सरकार ने जनता को सच का आइना दिखाया है
और ये भी बताया है की हम जेल तो भेजेंगे
लेकिन किसी को भी सजा नहीं दिलवाएंगे
तुम जो चाहे कर लो, तुम तो मूर्ख जनता हों
हम तो ऐसे ही मनमर्जी की सरकार चलाएंगे
और जो कोई आया भी विरोध जताने को
तो हम उस पर डंडे बरसा कर उन्हें दबाएंगे
6 comments:
bahut hi acchi kavita.
बहुत खूब सर.
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कल 13/07/2011 को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
गज़ल और भाव दोनों ही सुन्दर हैं!
वाह ..बहुत खूब ।
बहुत सटीक कटाक्ष
aapka vyangye bahut sateek aur samsamyik raha.
तथा बड़े सिंह तक इन सभी मुल्जिमो को
बरी कराने का आदेश बड़े सिंह तक पहुँचाया है
is me thodi truti hai shayed dekh le.
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