गर सीख सके तो सीख
सैर करते एक जोड़ी कदमो से
गुरुर नहीं कोई अगले कदम को
शर्म नहीं पिछली कदम को भी कोई
के वो जानते हैं ये हकीकत
के ये हालात जल्द बदल जायेंगे
यहाँ मै कोई कविताये, शेर , नज्म या कोई कहानी नहीं लिखता यहाँ जो लिखता हूँ वो दिल की बात होती है जिसे मै कविता, शेर और कहानी कहता रहता हूँ
4 comments:
बहुत खूब कुंदन जी बहुत ही कम शब्दों में बड़ी बातें कह दी है आपने
... बेहद प्रभावशाली अभिव्यक्ति है ।
शिक्षाप्रद भाव की रचना ............सुन्दर
बहुत सार्थक सोच..
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