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Wednesday, June 1, 2011

दिल के टूटने की आवाज

नादान है वो जो कहते हैं दिल के टूटने की आवाज नहीं होती
पूछो तुम आशिक के दिल से, जिसे डर है महबूब की रुसवाई का

दिल के टूटने की आवाज मे जो है वो खनक
वो बस महबूब के सीने मे दफन एक राज होती है

4 comments:

vandana gupta said...

सच कहा कुन्दन

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

दोनों शेर लाजवाब हैं!

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

दिल के टूटने की आवाज मे जो है वो खनक
वो बस महबूब के सीने मे दफन एक राज होती है

वाह बहुत खूब ..

Rajesh Kumari said...

bahut khoob umdaa sher.

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